शनिवार, 13 जुलाई 2024

कहानी संघर्ष की।

 कहानी संघर्ष की।                                                                                     2023 के संघर्ष  की वो रात नरेंद्र मोदी स्टडीम 130 करोड़                      भारतीये  के सपनों की 11 लोगो के कंधो पर थी |

 बहुत  से अरमान  थे।  हमने  सब कुछ अच्छ  किया  पर किस्मत को  कुछ और ही  मंजूर  था |

उस  सपनो  की उड़न  में कुछ  कमी  रहे गईं  थी,जो ख़ामोशी  बनकर  दिलो में  घर  कर गई। 

साल आया 2024,नई उम्मीदें और नया जोस और वो 11 खुखार शेर जहां से खत्म किया था।

वही  से  शूरू।                                                                                       कहते है ना घायल शेर को कभी खुले में नहीं  छोड़ना,चाहिए  लौट  के आता है। 

काफी खुखार  हो जाता है ऐसा   ही हल था,टीम इंडिया का

 उस  रात  जो  दिल  टूटे  थे  उनको  नया  आकार  देना था।  

कुछ उन्सुल्छे  सवालो का भी  जवाब  देना था। 

बहुत  ख़ामोशी  थी   उस  रात  में  अब उनको  ख़ामोश  करना  था

20  टीमे  4  गुरुप  और  खेल  का  सगम  अब  विरोधियो  को  धोना  है।  संघर्ष की इस  कहानी  कई  किरदार निभाने  है। जानते  तो सभी  है।   लेकिन  कुछ जख़्म  पुराने  है,

उस  रात  को  खामोश  किया  था। अब उन्हें  भी  तो  साइलेंट  से वैलेन्ट  करने  की बरी थी।

उनको भी पता था, की इस बार माइंड गेम  नहीं  बस वॉर  होगा।

ख़ामोशी का जवाब देना है।

इतनी  खामोसी से की  सबने देखा की और  कहा  कुछ तो खास बात है, जो की उम्मीदो को कायम रखा 

शुक्र गुजार है, उन सभी का  जो 2024 को एक याद में  हम सब के दिलो में  सजाए  रखा।

इतना ही था। कहानी संघर्ष की।

      धन्यवाद  टीम इंडिया 

बुधवार, 10 जनवरी 2024

फेम की मदहोशी

 यौवन  :वो मौसम जिसको आना तो एक बर हैं। समय के             साथ बिखर जाना भी हैं।

        खूबसूरत कलियों को देख भोरे खींचे चले आते है।                  ये ना जानते हुए कि जान तो जाना  यौवन का नशे में              कुछ फना हो जाते हैं। महोबत के नशे में,

यौवन और सौंदर्य   : दोनो पुरका हों तो सौंदर्य चार चांद लगा।       जाते हैं। विपरीत होता यौवन की खायती कम हो जाती हैं।       किंतु  ये आवस्था ऐसी है, हर कोई गुमराह हो जाता हैं।           दिल और दिमाग के बीच संघर्ष होता रहता है।                       जाने अनजाने में, कुछ ऐसे कदम उठाया लिए जाते।              भविष्य में परिणाम अति दुखद हो जाते हैं।

सोसल मीडिया  : सभी वर्गो के लोगो को प्रभावित कर रहा है, जिन हाथों में खिलौने और किताब होना चाहिए वहा पर मोबाइल हैं। लोगो की मानसिकता इस कदर प्रभावित हुआ है कि  सब कुछ छोड़ा कर काफी समय बिता रहे हैं।            युवाओं इस कदर प्रभावित किया है कि असभ्य बनते जा रहे हैं। सोसल मीडिया 10 में से 4 कंटेंट सही है। बाकी 6कैंटेट दिखाने योग्य नहीं हैं।  थोड़ा फेमस और कुछ पैसे के लिए जिस्म और ज़मीर दोनो बेच रहे हैं।  

सोसल मीडिया को खराब कहे  कुछ हद तक कहेना ठीक नहीं हैं,कामिया हम में हैं। जो थोड़े फेमस होने के चक्र में खुद को बदनाम कर रहे हैं। जैसे एक सिके के दो पहलू होते हैं। वैसा ही सोसल मीडिया हैं जिस नजरिया से देखना चाहते हो वैसा ही दिखाएगा अब वो तो आपने आप पर निर्भर करता है।

इतना भी नशे में ना रहो की पैमाने से जमा छलक जाए।          इतना शोहरत के पीछे ना भागो अपनो का साथ छुट जाए।        


बुधवार, 29 नवंबर 2023

वक्त हैं गुजर जाएगा

समझौता नहीं हमने हर एक परिस्थितियों से लड़ना सीखा है, हार कर भी जीतना सीखा है।


 हर माहोल में चलना सीखा है, कुछ पल के लिए डगमगा गए कदम क्या हमारे पर हमने गिर कर संभलना भी सीखा है। 

कुछ पल के लिए खामोश हो गए ऐसा नहीं की चुप हो गए।  उस खामोसी आने वाले तूफान को देखा है।

वक्त हैं गुजर जाएगा समझौता नहीं हमने हर एक परिस्थितियों से लड़ना सीखा है।

 


हर संभवत कोशिश कर लिया पर परिणाम हमारे अनुकूल ना था 

हर चहरे को रोते देखा कहते है,हम हार गए पर हमने तो आपने सपने को खोते देखा कोई नहीं सायद इससे अच्छा होगा

 हर रात के चार पहेर होते हैं,अंधेरा छट जाने के बाद सवेरा होता है।

जो बीत गया वो कल था आने वाले भविष्य सुनहेरा होगा।

माना कि मज़हबी बन जाते हैं। 

क्योंकि हर दिल में वही बसता है। 



 हार और जीत ये तो बस खेल का हिस्सा हैं।
नाराज तो होगे पर शायद इतना नही।
क्योंकि अभी खेल तो खत्म हुआ ही नहीं।
फिर से आएंगे क्योंकि कुछ ऐसा ही तो अपना रिश्ता है,


सोमवार, 9 मई 2022

रिश्ते

कुछ रिश्ते बहुत अजीब से होते हैं। उनका कही पर नाम नही होता.                                                           फिर भी उन रिस्तो में कुछ तो खास बाते होती हैं।      रिश्ते रंग लहू के नही कुछ  चेहरे से बन जाते है।        दिल में प्यार हैं। पराए भी अपने बन जाते है। 
 थोड़ी जिमेदारी निभाते - २                                    नजाने कब चहेरो पर छुरिया और बाल सफेद हों गए।                                                                               दो वक्त की रोटी के लिए अपनो को छोड़ा कही अजनबी शहर में, बस जाते है।  
रिश्ते ही है,जिनके होने से एक परिवार कहलाते है।अजीब है, हर रिश्ता जिनकी जिमेदारिया कम नहीं होती 
बस चहेरे नए होते हैं।  जिमेदारियां तो वही होती हैं।          
उम्र के हर मोड़ पर  साथ निभाना होता है।  
उम्र छोटी हो या बडी रिश्ता तो हर किसी को निभाना होता है।  वक्त ने हमे किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है।                                                                      कदर अब रिश्तों की कम किरदारों की होने लगी।        टूट रहा है, हर एक रिश्ता आपस के अनसुलछे सवालों से दूरियां होने लगी है।    
अब तो हर परिवार में इक दीवार खड़ा होने लगा है!        थोड़ी सी समछ हर समस्या हल हो जाएगी।                   अपने रुख कर नर्म खुशियां फिर से आएगी,                   माना कि जिमेदारी है, बडी उम्मीद तो रख खुशियों की दुनिया हर चहेरे पर नजर आएगी।

                     🙏 Rkumar 🙏🏻

बुधवार, 29 जुलाई 2020

अकेलापन

तन्हाई भरा सफर है मेरा मुझको अभी चलते जाना है।
उम्मीद तो बहुत की है पानी की तुझको ए जिंदगी तेरे लिए अभी तो बहुत दूर तक जाना है।
बंद है मुट्ठी मेरी तकदीर की उससे भी लड़ते जाना है।
कठिनाई भरा सफर है मेरा मुझको अभी चलते ही जाना है।


कुछ पल के लिए ठहराया क्या गया लोगों ने समझ दिया थक गया होगा
पर इरादे इतने मजबूत है कि कठिनाइयों से लड़ते ही जाना है।
सपनों को साकार करने के लिए अभी तो मुझे चलते ही जाना है।
मालूम है सफर मैं मैं अकेला हूं लेकिन मुझे तो दुनिया को दिखाना है मैं अकेला ही काफी हूं इसीलिए मुझे चलते ही जाना है।

जिंदगी कभी हार भी जाए तो निराश नहीं होना ठोकर खाकर ही चलना आता है।
शुक्रिया कह देना उस रास्ते में पढ़े पत्थर का जिसने तुम्हें गिरना सिखाया।
भीड़ बहुत था उस पथ में संभल कर चलना तुम्हें अपने से ही आया था।
अगर मिल जाता सहारा तो कमजोर बन जाते गिरकर चोट लगी फिर भी हमने उसे भूलाया था
कह देना शुक्रिया उस रास्ते में पड़े पत्थर का जिसने तुम्हें गिर कर चलना सिखाया
कठिनाई भरा सफर है मेरा मुझको तो अभी चलते ही जाना है।


तन्हाई भरे सफर में कई सहारे मिले पर मुझ को अकेले ही चलते चलते जाना है।
भीड़ बनकर कहीं खो ना जाऊं इस मतलब भरी दुनिया में
मैं भी कहीं मतलबी ना बन जाऊं इसीलिए अपने स्वाभिमान को जगाना ह।
कठिनाई भरा सफर है मेरा मुझ को तो अभी चलते ही जाना

कुछ वक्त मिल जाता ए जिंदगी तुझ से मुखातिब होने के लिए
अभी बहुत हिसाब बाकी है ए जिंदगी वक्त की कमी की वजह से तुझसे दूर हुआ जा रहा हूं।
तन्हाई भरा सफर है मेरा मुझे तो अभी चलते ही जाना है।

यूं ही शाम बीत जाती है कुछ वादे अधूरे रह जाते हैं।
बस यूं ही चलते चलते जिंदगी न जाने कब ढल जाती है।
मौत के आगोश में खो जाती है जिंदगी बड़ी शिद्दत से उसे पाने की चाहत की है कुछ वक्त तो मिल जाता है जिंदगी तुझ से मुखातिब होने के लिए
तन्हाई भरा सफर है मेरा और मुझे चलते ही जाना है।

रविवार, 12 जुलाई 2020

वंशवाद की राजनीति

वंशवाद :-
             वंशवाद की राजनीति पूर्ण रूप से अच्छी भी होती है और बुरी भी अच्छी इसलिए की वंश के लगातार अपने वर्चस्व कायम रहता है और अपने ही हित का ख्याल रखता है बुरा इसलिए दूसरे लोगों का हनन होता है हमारे देश में वंशवाद राजनीति आज से नहीं प्राचीन काल से ही चली आ रहा है इसका वर्णन हमारे इतिहास के ग्रंथों महाकाव्य आदि में किया गया है वर्तमान में ही यह प्रथा कहीं ना कहीं चली रही है।

क्या है वंशवाद  :-
                         वंशवाद एक ही कुल एक ही समुदाय के द्वारा शासन करना वंशवाद कहलाता है आज के समय में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक अपनी विरासत को कायम रखना और उस पर राज करना वंशवाद कराता है जैसे पिता के द्वारा छोड़ी की संपत्ति पर पुत्र का अधिकार और पुत्र के पुत्र का अधिकार इत्यादि है।

वंशवाद के लाभ :-
                           वंशवाद का लाभ मात्र कुछ चुनिंदा ही लोग को जाता है जो उस समय ना वर्चस्व कायम रखता है।
वंशवाद परिवारवाद की हानियां :-
                                               परिवार परिवारवाद के चक्कर में प्रतिष्ठा महान लोगों का अतिक्रमण किया जाता है वंशवाद की राजनीति निष्ठावान या विद्वानों को अपनी आधी करके उनका अतिक्रमण किया जाता है ।
परिवारवाद ऐसी नीच यही भावना को जन्म देता है जो आज लोग उसके हाथ की कठपुतली बन गए हैं परिवारवाद में सिर्फ अपने और अपनों को ही लाभ पहुंचाया है और अपना ही विकास किया है
उदाहरण के रूप में वर्तमान में बहुत प्रतिष्ठा लोग दिख जाएंगे यह किसी व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी नहीं लेकिन यह कड़वा सच है।

देश का ऐसा कोई कोना बचा नहीं जहां इसका विस्तार नहीं हुआ है और परिवारवाद के चक्कर में देश हमारा बर्बाद हो रहा है बस अपने ही अपनों को बनाए जा रहे हैं कई देश में है तो कई लोग विदेशों में।

देश में तरक्की कर ली बहुत अच्छी बात है।
नए कनून बने कानूनों का पालन हुआ कुछ तो हकीकत में और बहुत कुछ कागजों में रह गया।
देश में समानता का अधिकार है पर दिखता नहीं।
कानून बने पर पालन कोई करता नहीं।
नागरिक को अधिकार कागज को दिखाया जाता है 
हकीकत में प्रतिभावान व्यक्ति की मारा जाता है
खुद को करके खत्म खामोशी में खो जाता है
बहुत चर्चाएं होती हैं पर वह भी एक इतिहास में दफन हो जाता है
ऐसे कितने प्रतिभावान और प्रतिष्ठावान लोगों को खो देंगे हम देश का यह दुर्भाग्य है की वंशवाद और परिवारवाद लोगों को मिटाता जा रहा है।


              🙏 Rkumar🙏


 Dynasty: -

 The politics of dynasty is perfectly good and bad is also good because the dynasty continues to dominate its supremacy and takes care of its own interests, bad because other people are abused dynastic politics in our country not since ancient times  It has been described since the beginning, it has been described in the texts of our history, epic etc. At present, this practice is going on somewhere.


 What is dynasty: -

 Dynasty is ruled by the same community of the same dynasty. In today's time, dynasty maintains its inheritance from one generation to the next, such as the right of the son on the property left by the father and the son.  Has the right of son etc.


 Benefits of dynasty: -

 The benefit of dynasty only goes to a select few who do not dominate at that time.

 Disadvantages of dynastic dynasticism: -

 Families are encroached upon in the circle of family dynasticism. The politics of dynasty is encroached by half-masters or scholars.

 Familyism gives rise to such a low sense that today people have become puppets of his hand, in familyism, only he has benefited himself and his own people and has developed his own.

 As an example, a lot of prestige will be seen in the present, it is not a comment on any particular person but it is bitter truth.


 There is no such corner of the country where it has not expanded and the country is ruining our country due to the problem of familism, only our own people are being made in many countries and many people abroad.


 It is a very good thing to have progressed in the country.

 Some of the laws made by the new law were followed, in reality, a lot remained on paper.

 There is a right to equality in the country but it is not visible.

 Law should be followed but no one obeys.

 The citizen is shown the rights paper

 In reality a talented person is killed

 Get over yourself and get lost in silence

 There is a lot of discussion but that too is buried in a history

 How many talented and dignified people will be lost in this way? It is a misfortune of the country that dynasticism and familism are destroying the people.





 🙏 Rkumar🙏

गुरुवार, 9 जुलाई 2020

अच्छे पड़ोसी

एक घर है मेरे बगल में अपना सा लगता है।
वेशभूषा अलग है पर चेहरा अपना सा लगता है।
हर खुशी और दुख में साथ हमारे रहते हैं।
वह कह रहे हैं पर कहीं अपनों से अच्छे लगते हैं।
कभी नहीं पूछा जाती तुम्हारी क्या है।
क्योंकि उनका घर भी अब अपना सा लगता है।
बचपन की यादों में गुड्डे गुड़ियों के खेलन मैं बीता है।
दूर कहीं शहर में रहते थे पर अपना सा लगता है
एक घर है मेरे बगल में वह भी अपना सा लगता है।

रिश्तो की क्या अहमियत होती है और फोन कैसा दिखता है
बेफिक्रे से रहते हैं वह अपनों से लगते हैं।
आपस में प्रेम व्यवहार शिष्टाचार था और दिल में सभी के लिए प्यार था।
समय बदल गया स्थितियां विपरीत होने लगी।
प्यार के कई रिश्ते थे अब दूरियां होने लगी

देखकर तरक्की उनकी हम खुश होने लगे वह आगे बढ़े और हम भी बढ़ने लगे।
इस बीच रिश्तो में कहीं खालीपन रह गया हम दोनों के बीच में कोई तीसरा आ गया
आपस में मतभेद हमें प्यार से सुलझा लेते उस खालीपन को हम प्यार से ही भर देते हैं
पर अब मंजिल बदल गई वह हमसे दूर हो गए और हम आज भी उनका इंतजार करते रहे।
एक घर है मेरे बगल में वह अपना सा लगता है।

ऐसे भी कुछ अपने पड़ोसी हैं जो तरक्की की राह में आगे निकल गए।
अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए छोड़ कर चल दिए।
सर्च हमारा भी बनता है उसे अकेले ना जाने दे।
अपनी सुरक्षा तो है उसे सुरक्षित कर लेते।
तरक्की करना अच्छी बात है पर उसके साथ कुछ गलत ना होने दें
हर समस्या का निवारण मात्र विचारों से होता है।
मतभेद भुलाकर एक साथ चलें पड़ोसी ऐसे ही तो होते हैं।
एक दोस्त की तरह उसकी गलतियों को बताते रहे।


कहते हैं अगर सुबह का भूला शाम को लौट कर घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते
हम आपस में मित्र हैं कहीं एक परिवार
कहीं तीसरे के आने के कारण रिश्तो को खत्म नहीं करते।
शौक का नशा थोड़े दिनों का होता है आपस का प्यार इससे कहीं गुना अच्छा होता।
अब तो सीमाएं भी अलग नहीं होने देती जो भी होगी शांति चाहती है
रिश्तो की मिठास के लिए दोस्ती का पैगाम देती है
अच्छे पड़ोसी हमेशा साथ खड़े रहते हैं आपस की समझ तुझसे ही मित्र बने रहते हैं।

नक्शे में कई मकान है सीमाओं पर लकीरें अलग अलग कर देती हैं। ना तुम दूर हुए और ना हम दूर हो हो पाए
समय के बदलते हुए दौर में हम दोनों ही थोड़े मजबूर हुए हैं।
भविष्य की चाहत में अपनों में बैर बना बैठे समय की इस खालीपन में हम क्यों अपनों से दूर हो गए।
दीवारों के कुछ झरोखों से तेरी सूरत देख जाती है
नफरत की फसलों को ना बोल इसे बंजर ही रहने दे
उम्मीदों के बीज  बचा कर रखें आने वाले पीढ़ी के लिए,
 अपने पड़ोसियों के घर में एक दिया जलाकर रखें
एक घर मेरे बगल में है वह अपना सा लगता है

                   🌹 Rkumar,🌹

बुधवार, 8 जुलाई 2020

👣 मुकम्मल नहीं ए जिंदगी तुझको पाना है।👣


कठिनाइयों से भरा सफर है  मुझको अभी चलते ही जाना है।
उम्मीद तो बहुत की है पाने की तुझको ए जिंदगी तेरे लिए अभी बहुत दूर जाना है।
बंद है मुट्ठी मेरी तकदीर की ओर उससे भी लड़ते जाना है।
तन्हाई भरा सफर है मेरा मुझको अभी चलते ही जाना है।


कुछ पल के लिए ठहर क्या गया मैं, लोगों ने समझ लिया कि मैं थक गया हूं।
इरादे इतनी मजबूत है ,मेरे की कठिनाइयों से लड़ते ही जाना है।
मेरे सपनों को साकार करने के लिए अभी तो मुझे चलते ही जाना है।
मालूम है ,कि सफर में. मैं अकेला ही हूं। लेकिन मुझे दिखाना है। लोगों को कि मैं. कमजोर नहीं।
कठिनाई भरे सफर में.  मुझको चलते ही जाना है।


जिंदगी कभी हार भी जाए तो निराश नहीं होना क्योंकि ठोकर खाकर भी चलते ही जाना है।
शुक्रिया कह देना उस रास्ते के पत्थर को जिसने तुम्हें गिरना सिखाया।
भीड़ बहुत थी उस पथ में. संभलना तुम्हें अपने से ही आया।
अगर मिल जाता उस वक्त सहारा तो कमजोर पड़ जाते हैं
ठोकर खाकर चोट लगी हमने उसे भी भुला दिया।
कह देना शुक्रिया उस रास्ते के पड़े पत्थर का जिसने तुम्हें ठोकर खाकर चलना सिखाया।
कठिनाई भरे सफर में अभी मुझे चलते ही जाना है।

इस सफर में मिले मुझे कहीं हमराही पर मुझको तो अकेले ही जाना है
भीड़ बनकर खो ना जाऊं इस मतलब भरी दुनिया में, इसीलिए तो मुझे अकेले ही जाना है।
मैं मतलबी बन ना जाऊं कहीं इसीलिए स्वाभिमान को जगाए रखना है।
मुकम्मल नहीं है। जिंदगी अभी तेरी तलाश में मुझको अभी दूर जाना है
कठिनाइयों से भरे इस सफर में तन्हा हूं मैं फिर भी मुझको चलते ही जाना है।
                      ,🙏Rkumar🙏

It is a journey full of difficulties, I still have to go on the move.

 There is a lot of hope that you have to go far for your life.

 The closed fist has to fight towards my destiny too.

 It is a lonely journey, I still have to go on my way.



 What stopped me for a moment, people realized that I am tired.

 The intention is so strong, you have to keep fighting my difficulties.

 To make my dreams come true, I still have to go.

 You know, in that journey.  I am the only one  But I have to show.  People that i.  Not weak.

 In a difficult journey  I have to go on the move.



 If you ever lose life, do not be disappointed because you have to go stumbling.

 Say thank you to the stone of the path that taught you to fall.

 There was a lot of crowd in that path.  Care came from you.

 If we get support at that time, then we become weak.

 We also hurt him by stumbling.

 Say thank you to the stone that taught you to stumble and walk.

 I have yet to go on a difficult journey.


 Meet me on this journey, I have to go alone on my friend

 Do not be lost in a crowded world, that is why I have to go alone.

 I should not be mean, that is why you have to keep the self-respect awake.

 Is not complete  Life is still in search of you i have to go far

 I am lonely in this journey full of difficulties, yet I still have to go on walking.

 , 🙏Rkumar🙏

सोमवार, 6 जुलाई 2020

🚬धूम्रपान शरीर के लिए हानिकारक है।🚬

नशे में खुद को लुटा दिया अब तो यही दवा है मेरी।
मुझे खुदा से कोई चाहत नहीं बस मिल जाए एक बूंद उसकी।

धूम्रपान 🚬,:-
             धूम्रपान ने सभी के जीवन को नष्ट कर दिया है।
अगर आप नशा करते हैं तो यह आपके लिए है।
आज हमारे देश में लगभग 75% तक की आबादी नशा करती है। जिसने सभी वर्ग के लोग हैं यह महिलाएं पुरुष और बच्चे सभी लोग सम्मिलित हैं।
  एक जानकारी के अनुसार 0.9 प्रतिशत पुरुष धूम्रपान करता है और 0.2 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान करते हुए लेकिन यह आंकड़े हैं यह विस्तृत जानकारी इससे अधिक भी  अधिक हो सकती है।
धूम्रपान आजकल एक trend के तौर पर अपनाया जा रहा है। बहुत ही अधिक मात्रा में लोग इसके शिकार बनते जा रहे हैं लोग पहले शौक के लिए पीते हैं और दिखावे के लिए धीरे-धीरे यह सब इसके आदी बन जाते हैं फिर चाहे तो भी नहीं छोड़ सकते क्योंकि यह जिंदगी का एक हिस्सा बन जाता है और कहीं धीरे-धीरे आप की प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है जिसका खामियाजा आपके शरीर को भुगतना पड़ता है आपका स्वास्थ्य खराब रहता है।
धूम्रपान आजकल मनोरंजन का केवल साधन बन गया है।
और हम अपने आने वाली पीढ़ी को सिर्फ बीमारी दे रहे हैं।



प्रदूषण :-
           हमारे चारों तरफ के वातावरण इतना दूषित है की बगैर धूम्रपान किए 11 सिगरेट पी जाते हैं और उसके बाद दिन भर हम लोग धूम्रपान करते रहते।
दिल को तसल्ली देते हैं सब ठीक है पर कैसे लड़ेंगे बीमारियों से जब हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो जाएगी
धूम्रपान से छुटकारा पाया जा सकता है अधिक करते हैं तो उसे कम किया जा सकता है।
 धूम्रपान करते हुए स्वस्थ रह सकते हैं अब कहोगे कैसे तो यह जानकारी आपके लिए।
                                                  दोस्तों अगर आप धूम्रपान अधिक करते हैं तो उसे कम कर दीजिए उसे एक दवाई की तरह यूज कीजिए ताकि आपके शरीर पर और अधिक पर असर ना पड़े। यदि आप धूम्रपान का प्रयोग करते हैं परिवार से दूर रहकर कीजिए।
विटामिन सी युक्त चीजें
                                यदि आप धूम्रपान अधिक करते हैं तो विटामिन सी युक्त चीजें अधिक सेवन कीजिए।
एक जानकारी के अनुसार अगर आप धूम्रपान करते हैं तो विटामिन सी का प्रयोग करें करके अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। 
जैसे कि। फलों में संतरा तरबूज और नींबू इत्यादि है।
जिनका कि आमतौर पर सभी लोग इसका प्रयोग करते हैं।
Ek study ke anusar। अगर आप रोजाना 1000 मिलीग्राम विटामिन सी लेते हैं 45 प्रतिशत स्मोकिंग पर फर्क पड़ता है।
ग्रीन टी
         यदि आप ग्रीन टी का सेवन करते हैं इससे भी काफी फायदा होगा यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा

हरी सब्जियां
                आमतौर पर हरी सब्जियों का सेवन बहुत कम ही करते हैं लेकिन अगर आप धूम्रपान करते हैं तो हरी सब्जियों का सेवन कीजिए यह भी स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है
हरी सब्जियां जैसे की सरसों का पालक चौराई आदि है।

लहसुन 

लहसुन इसका भी सेवन करते हैं तो यह काफी फायदेमंद होता है आजकल तो लहसुन अदरक हल्दी आदि का सेवन करने के लिए सरकारी भी कहते हैं डॉक्टर भी सलाह देते। विशेष तौर पर लहसुन का प्रयोग कीजिए

आशा करता हूं यह जानकारी आपके जीवन को बेहतर बनाएगी


शनिवार, 4 जुलाई 2020

आत्मचिंतन

आत्मचिंतन से जिंदगी की समस्या से निजात पा सकते हैं।
जीवन में खुश  रहने के तौर तरीके सीख सकते हैं।
 जीवन में आत्मचिंतन बहुत जरूरी है।
समस्या क्या है?
                    जीवन को खुशहाल बनाने के लिए हम कई उलझन  में पढ़ जाते हैं। अपने जीवन को खुश करने के लिए सोचते ही नहीं आमतौर पर कहे तो अपने लिए समय ही नहीं निकाल पाता परिवार के होते हुए भी अकेला महसूस करते क्योंकि हमने जिंदगी को जीना और जिंदगी में खुशियों की तलाश करना छोड़ दें खुशियों का अंत और परेशानी की शुरुआत हो गई छोटी-छोटी समस्याएं उत्पन्न होने लगी और जीवन में समस्याओं की शुरुआत हो गई।

समस्या का शिकार  :-
                        परेशानी या समस्या का शिकार सभी वर्ग के लोग होते हैं वह अपनी आगोश में लेने के लिए हमेशा तैयार रहती है और किसी को नहीं छोड़ती। उसने किसी के बीच फर्क नहीं समझा चाहे अमीर हो चाहे गरीब समस्या सभी के जीवन में आते हैं बहुत लोग सामना करते हैं और कुछ लोग उसे देखकर भागते हैं। लेकिन जो लोग भागते हैं । समस्या उतनी ही बढ़ती जाती है। समस्या से घबराए नहीं उसका डटकर सामना करें

समस्या के प्रकार  :-
मूल रूप समस्या कई प्रकार की होती है लेकिन ने दो वर्गों में बांटा गया

1) आर्थिक
             आर्थिक समस्या पैसे के लेनदेन को लेकर होते हैं।
2) सामाजिक
                जिसे कि समाज में रहकर मिलती है जैसे कि  लड़ाई झगड़े आपस में मनमुटाव व्यापार आदि।

समस्या को कैसे कम किया जाए:-
                                             समस्या को कम करने के कई उपाय लेकिन आमतौर पर लोग इसे अपना आते नहीं हो और परिस्थितियों को गंभीर बनाते हैं समस्या का हल आत्मचिंतन से निकलता है आपस में बात विचार कर विचार करने की दिमाग को शांत करके बातचीत से हल किया जा सकता एकमात्र उपाय है।
कभी नहीं सोचना चाहिए समस्या का क्या परिणाम होगा।
दोस्तों समस्या आती है और जाती रहेगी बस उसको अपने ऊपर हावी मत होने दो अगर समस्या हावी हो गई वह सबसे पहली सोचने की क्षमता को खत्म करें जिससे कारण हम लोग कुछ नहीं कर सकता पर गलत फैसला लेते और समस्या अधिक हो जाती है।
शांत रहें और विचार विमर्श करें कि किस कारण से समस्या उत्पन्न हुई है।

बहुत परिवारों को देखा है। इस आग में जलते हुए
इंसान हो जाता है। इतना मजबूर समस्या के चलते हुए
समस्या के कारण अपना अंत कर देता है।
 किंतु समस्या खत्म नहीं होती है।
अगर गलती से बच बच गया तो आजीवन बीमारी का शिकार बन जाता है।

समस्या से कैसे बचा जाए :-

समस्या से बचना है, तो खुश रहने की वजह की तलाश करो हमेशा खुश रहो। परिवार और दोस्तों के बीच समय बिताओ जीवन के इस खालीपन को भरने की कोशिश करो व्यस्त रहो मस्त रहो।
जिंदगी है, खुश रहने के लिए🤗
       आखिर में समस्या तो आनी है और जानी है उससे घबराए नहीं और भागे नहीं विचार विमर्श करें क्योंकि जिंदगी बहुत अनमोल है आपकी अपनों के लिए
जिंदगी के पल बहुत छोटे हैं। मगर खुश रहने भी जरूरी है

        😊 हंसते रहिए और दूसरों को हंसाते रहिए😊
                       🙏 Rkumar,🙏

            You can get rid of the problem of life with self-awareness.

 You can learn how to be happy in life.

 Self-determination is very important in life.

 what's the problem?

 To make life happy, we read many confused.  Do not think to make your life happy, usually you can not find time for yourself and feel lonely despite family because we have given up living life and looking for happiness in life, end of happiness and beginning of trouble  Minor problems started happening and problems started in life.


 Problem victim: -

 There are people belonging to all classes of trouble or problem, she is always ready to take it in her arms and does not leave anyone.  He did not understand the difference between anyone, whether rich or poor, the problem comes in everyone's life, many people face it and some people run away after seeing it.  But those who run away.  The problem only increases.  Do not panic and face it firmly


 Type of problem: -

 There are many types of problem in basic form but divided into two classes.


 1) Economic

 Economic problems are related to money transactions.

 2) social

 Which is found in the society such as fighting fights, pique trade among themselves.


 How to reduce the problem: -

 There are many ways to reduce the problem, but usually people do not adopt it and make the situations serious. The solution of the problem comes out of self-talk, the only solution that can be solved by talking to each other is to calm the mind by thinking among themselves.  .

 Never think about what the problem will result.

 Friends, the problem comes and will keep going, just do not let it dominate you, if the problem is over, first of all, eliminate the ability to think due to which we cannot do anything but the wrong decision is taken and the problem becomes more.

 Keep calm and discuss what caused the problem.


 Have seen a lot of families.  Burning in this fire

 Becomes a human being.  Due to such a forced problem

 Finishes due to problem.

 But the problem is not over.

 If survived by mistake, he becomes the victim of life-long illness.


 How to avoid the problem: -

If you want to avoid the problem, then find the reason to be happy, always be happy.  Spend time between family and friends. Try to fill this void of life. Stay busy. Stay busy.

 Life is there to be happy

 Finally, the problem has to come and you have to know, do not panic and do not run away because life is very precious for your loved ones.

 Moments of life are very short.  But it is also important to be happy


 😊keep laughing and keep laughing others

 🙏 Rkumar, 🙏

                     

मंगलवार, 30 जून 2020

💰💰पैसे की अहमियत 💰💰

 
💰 पैसों चमक देखकर आंखों में सपने जग जाते हैं।
उसकी खनक के आगे घुंघरू की आवाज भी फीकी पड़ जाती है।
तपीश का असर तो देखो यारों गैरों को भी भनक लग जाती है
पैसे की चमक को देखकर आंखों में सपने जग जाते हैं।,💸


झुकी नजर👁️ देखने वाले ही 👀आंख दिखा कर चलने लग जाते हैं।
भाषा की मर्यादा को बुलाकर बदतमीजी पर उतर आते हैं।
गर्मी किस बात की पता नहीं पर असर तो दिख जाता है।
पैसे की चमक को देखकर लोगों के देखने का नजरिया बदल जाता है।

💰बड़ी गर्मी होती है इस पैसों  में रिश्तो को जलाकर खाक कर देती है।
निशान पड़ जाते हैं 💔दिल कमें इन पैसों की वजह से
दीवारों को चुनवा कर हवा को रोक देते हैं।
मौत के आने पर क्यों यह खामोश हो जाते हैं।
 किराए पर ले आते हैं। आंसू बहाने वाले को
 अजीब है, लोग उनआंसुओं की कीमत लगा देते हैं।
बड़ी गर्मी होती है, इन पैसों में रिश्तो को जलाकर राख कर देती है।


💰पैसों की चमक को देखकर बेगाने से हो गए।💸
रिश्ते भी अब नए से पुराने हो गए।
हर रिश्तो की कीमत लगाई जाती है।
भूल जाता है रिश्तो की अहमियत पैसों की चमक को देखकर।

दूरियां मिट जाती है पैसों की महक को सुघकर
जहर पीकर शरीर नीला पड़ जाता है।
पैसे के नशे में इंसान जानवर बन जाता है।
आंखों पर पट्टी बांधकर अब शिकार किया जाता है।
कैसे की चमक को देखकर लोगों के देखने का नजरिया बदल जाता है।


😪आंसू दे बिकते हैं ख्वाहिश खरीदी जाती है।
जमीर को मार कर यहां  इंसानियत बेची जाती है।
नशा कैसा भी हो उतर जाता है।
 पर यह पैसे की खुमारी नहीं मिटती  है।
पर दौलत को देखकर इंसान बदल जाता है।


💰पैसों को देखकर जमाना छोड़ो अपने ही दुश्मन बन जाते हैं।
समय के इस पहलू भाई भाई का दुश्मन बन जाता है।
पैसों के खातिर अपनों से बिगाड़ मत कर लेना।
धन दौलत में कमी एक दिन हो जाएगी।
किंतु अपने हमेशा साथ आएंगे

💰पैसों इस खनक को सुनकर कहीं अपनों से दूर मत जाना
रिश्तो की कीमत पैसों से बड़ी होती है इसे जरूर निभाना।
पैसों के नशे में आज फरेबी बन गए।
भूल गए उन कदमों की आहट। और आज मतलबी बन गया।
पैसों के इस  नशे ने तुम्हें अकेला कर दिया।
उसकी चाहत में तुम्हें अपनों से दूर कर दिया।
पैसे के इस मैं नशे ने तुम्हे  मतलबी बना दिया।

                         🌹  Rkumar🌹


             💸 Importance of money💸

 Seeing the glow of money, dreams arouse in the eyes.

 Ghughru's voice also fades in front of his tinker.

 See the effect of tapish

 Seeing the glow of money, dreams arouse in the eyes.



 Only those who look at the gaze tend to walk by showing their eyes.

 Calling the dignity of the language, they come down on the wrongdoing.

 What is not known about the heat can be seen.

 Seeing the brightness of money changes the way people see.

 It is very hot, in this money, the relationship is burnt.

 Scars fall due to these money

 The walls are blocked by wind.

 Why do they become silent when death comes.

 Bring on rent.  To the one who tears

 Weird, people put the price of those tears.

 There is a lot of heat, in this money, the relationship burns to ashes.



 Seeing the glare of money, he became immature.

 Relationships also became old to new.

 Every relationship is valued.

 One forgets the importance of relationship by seeing the brightness of money.


 Distances disappear by smelling the smell of money

 The body turns blue after drinking poison.

 A human being becomes intoxicated by money.

 Blindfolding is now hunted.

 Seeing the brightness of how people see.



 Ansu is sold and wishes are bought.

 Humanity is sold here by killing Jamir.

 No matter how intoxicated it becomes.

 But this money does not disappear.

 But a person changes by seeing wealth.



 Seeing money, leave the world and become your own enemy.

 This aspect of time becomes brother's enemy.

 Do not spoil your loved ones for money.

 Money will decrease one day.

 But will always come with us


 Don't listen to this tinker and get away from your loved ones

 The cost of a relationship is bigger than money, it must be fulfilled.

 Drunk of money has become fraudulent today.

 Forget those steps.  And today he became a meanie.

 This money addict made you alone.

 In his desire, he turned you away from your loved ones.

 This intoxication of money made you mean.


 🌹 Rkumar🌹

रविवार, 28 जून 2020

🍇संतुलित आहार 🍇

"भोजन आत्मा को संतुष्ट कर देता है और मन को नया  ऊर्जा देता है।"

जीवन शैली

            आजकल की जीवन शैली में हम लोगों के पास इतना समय नहीं रह गया कि हम लोग संतुलित आहार ग्रहण कर सकें। क्योंकि हम लोग बहुत ही व्यस्त हो गए हैं।
जिसके कारण आज हम लोग अधिकतर दवाइयों का सेवन करते हैं और उसके आदी हो गए हैं।

                                           संतुलित आहार में कई प्रकार के विटामिन प्रोटीन आदि तत्व पाए जाते हैं। लेकिन हम उसे ना खाकर दूषित भोजन खाते हैं जैसे कि आज के समय में और बाजार में मिल जाता है जिसका उपयोग करके हम लोग या हमारे  बच्चों का मिट तो जाता है। लेकिन धीरे-धीरे कहीं ना कहीं हम लोग एक अनजानी बीमारी के शिकार होते जा रहे हैं ।और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती जा रही है।
उस पोषक तत्व की कमी को पूरा करने के लिए हमें दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है और हम और बीमार पड़ जाते हैं।

आज के दौर में हम अपने आप को केवल एक खाली शरीर लेकर चल रहे हैं जिसके कारण कई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आ जाती है उस गिरावट को पूरा करने के लिए हमें संतुलित भोजन करना चाहिए।



 संतुलित आहार,

                    आहार श्रृंखला में सबसे अधिक पर पोस्टिक माना जाता है हम नहीं आज सभी जानते हैं आज विश्व में भी यह प्रमाण दिया है।  संतुलित आहार  यह रोगों से लड़ने में अति उपयोगी होता है।



असंतुलित भोजन


                      हमारे जीवन में एक मेहमान की तरह आया और हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया और हम सभी इसके आदि हो तो चले गए शरीर में रोग को आने की अनुमति दे दिया और धीरे-धीरे रोगों से लड़ने की क्षमता घटती गई।




योगा एवं व्यायाम

                      जीवन में रोग मुक्त होने के लिए व्यायाम अति आवश्यक है। संतुलित भोजन के साथ साथ हमें व्यायाम और योगा निरंतर करते रहना चाहिए इससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।

Immunity को बढ़ाने वाले आहार,
हमारे यहां यूनिटी को बढ़ाने के लिए बहुत सारे पदार्थ एवं तत्व हैं जैसे की हल्दी अदरक शहद तुलसी इत्यादि
यह सभी हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं और हमारे शरीर को सुरक्षित रखते हैं।



हल्दी

हमारे देश में आज बहुत सी ऐसी उपयोगी खाद्य पदार्थ है। जिसके  सेवन करके हम अपने जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं और आने वाली बीमारियों से लड़ सकते हैं




शुक्रवार, 26 जून 2020

,⚖️ जुर्म इंतेहा इतनी है।⚖️

अब किसी का खौफ नहीं बस अपनी मनमानी करते हैं
🔥जलता रहा शहर मेरा सत्ताधारी मोन रहे🤫
कुर्सी के लालच में ना जाने कितने गुनाह लोग करते रहे।
गुनाह करते रहे बेखौफ होकर और हम आपस में लड़ते रहे।
लुटती रही अस्मत यहां के गलियारों में,
गुनाहगार खुले आम घूमते रहे अब यहां के बाजारों में,
अब इंसानियत नहीं जमीर भी मर गया।
अब तो किसी का खौफ नहीं बस अपनी मनमर्जी करते हैं।

हर चीज यह बिक जाती है। बस खरीदार चाहिए।
जिसका रसूख जितना है उसको इतनी रियायत मिल जाती है।
अब जुल्म वहां होता है जहां कानून पनाह देता है
कानून की आंखों पर पट्टी लगी है इसीलिए वह सबूत की बात करता है।
बेगुनाहों को मिल जाती है सजा और गुनहगार खुलेआम घूमता रहता है।
जमीर को मारकर यह व्यवसाय किया जाता है।
लोगों को मरने के लिए छोड़ देते हैं बस अपना मुनाफा देखा जाता है।
हर चीज यहां बिक जाती है बस खरीदार चाहिए।
अब तो किसी का खौफ नहीं बस अपनी मनमर्जी करते हैं।

कीमत यहां कपड़ों की नहीं अब तो जिस्मों को देखा जाता है।
मरने की तो बात की बात है यहां तो जिंदा लोगों को मारा जाता है।
कीमत मिल जाए बस यही चाहिए सामान चाहे जैसा हो।,
डर का व्यापार है और डरा के किया जाता है।
हर चीज बिक जाती है। बस खरीदार चाहिए।

 अब तो जिंदगी का सौदा ऐसे होता है। जैसे कि एक छोटी सी बात है।
कम कीमत देने वालों को घृणा की दृष्टि से देखा जाता है।
यहां पर सामान्यता का अधिकार बस एक छलावा है।
मौत इतनी सस्ती हो चुकी है। जिंदा रहते ही खरीदा जाता है।
घर का व्यापार है और डराते किया जाता है।
अब किसी का फोटो बस अपनी मनमर्जी करते हैं।
जुर्म करने की इंतिहा बस इतनी है अब हर कोई जुर्म करता जाता है।


          ,🌹🌹  Rkumar,🌹🌹
English conversation poetry

 No one is afraid of anyone anymore

 शहरThe city keeps burning, my ruling Mohan.

 Not knowing how many people have been committing the greed of the chair.

 The crime continued without fear and we kept fighting among ourselves.

 There was a lull in the corridors here,

 Criminals roamed freely in the markets here,

 Now Jamir, not human, also died.

 Now nobody is afraid of anyone but just do what they want.

Everything is sold out.  Just want the buyer.

 Whose influence is as much, he gets such a concession.

 Now oppression is where the law harbors

 The law is blindfolded, which is why it speaks of evidence.

 The innocents get the punishment and the accused roam freely.

 This business is done by killing Jamir.

 People are left to die just to see their profits.

 Everything sold here is just what the buyer wants.

 Now nobody is afraid of anyone but just do what they want.

 Prices are not seen here, but the clothes are seen now.

 It is a matter of dying here, then people alive are killed.

 You get the price just like what you want.

 Fear is traded and fear is carried out.

 Everything is sold.  Just want the buyer.

Now life's deal is like this.  Like it's a small thing.

 Those giving lower prices are viewed with hatred.

 The right to generality here is just a smokescreen.

 Death has become so cheap.  It is bought while alive.

 There is home trade and intimidation is done.

 Now someone's photo is just the way they want it.

 There is a lot of crime to be committed, now everyone keeps committing the crime.

सोमवार, 22 जून 2020

👪 परिवार। 👨‍👨‍👧

,
👨‍👨‍👧 मुझे याद है आप के बटुए में, कुछ पैसे हुआ करते थे।
कुछ ख्वाब अधूरे हैं, मेरे मन के उसे पूरा कर लाते थे।
अभी बस उंगली पकड़ कर  चलना सीखा है।
जीवन के इस पहले पड़ाव बस अभी तो खेलना सीखा है।
अभी लबों पर मुस्कान हैं। शब्दों को बोलना सीखा।
पहले कदम की आहट अभी गिरकर चलना सीखा है।
अभी बस उंगली पकड़कर चलना सीखा है।👣

🤱मां की दुनिया हूं मैं और मेरा आसमान हो तुम।
मां ने मुझे जन्म दिया है। लेकिन मेरे जन्म का आधार हो तुम।
तुम से ही सीखा है,मैंने मेरी पहली मुस्कुराहट के साथ जीना।
कहते हैं, अगर मां।जमीन है,तो मेरे आसमान हो तुम।
अभी बस उंगली पकड़कर चलना सीखा है।

मां ने जन्म दिया उसका कर्ज कभी नहीं उतार पाऊंगा।
पिता के फ्रिज को ताउम्र न भुला पाऊंगा।
आप दोनों ही हमारा संसार हो, हम एक हैं ,यही तो हमारा परिवार है।
मुझे याद है आप क बटुए में कुछ पैसे हुआ करते थे।
 थोड़े थे , पर वह भी हमारे लिए हुआ करते थे । हम खुश होते थे पर कहीं ना कहीं उदासी रहती थी मन में वह भी हमसे छुपाया करते थे।
मुझे याद है आपके बटुए में कुछ पैसे हुआ करते थे।

ले आते थे सब कुछ हम खुश हो जाया करते थे।
मां प्यार से लाती थी और आप हमें जगा कर खिलाया करते थे।
न जाने कब जी समय मुट्ठी से फिसल गया।
हम नहीं भूले पर वक्त कहीं थोड़ा सा बदल गया।
कंधे पर थोड़ी मजबूरी आ गई।
कभी आपने किया था हम सबके लिए अब हमारी बारी आ गई।
शायद वक्त ने यह हमें बात बता दिया।
मां और पिता का प्यार क्या होता है यह हमें सिखा दिया।
कुछ रिश्ते की बुनियाद प्यार से होती है।
वो छोटी सी खुशी हमारे लिए कितनी बड़ी होती है।
मुझे याद है, आप के बटुए में कुछ पैसे हुआ करते थे।
 थोड़े थे लेकिन वह भी हमारे लिए हुआ करते थे

ऐसा ही छोटा संसार हमारा है।
जिनके आंखों के तारे हैं हम।
हर दुआ उसकी मानी जाती है।
जिनके घर मां और बाप स्त्री को इज्जत दी जाती है।
हर कोई सम्मान पाने का हक रखता है।
बहुत थे अरमान हमारे तुम सब पूरा कर लाते थे।
मुझे याद है आप के बटुए में कुछ पैसे हुआ करते थे ।
थोड़े थे लेकिन वह भी हमारे लिए हुआ करते थे।

         ☘️ Rkumar 🍀,

 ,

 4 in English

 याद👨👧 I remember you used to have some money in your wallet.
 Some dreams are incomplete, my mind used to bring it to completion.
 Just learned to walk with just a finger.
 This first stage of life has just been learned to play.
 There are smiles on the lips right now.  Learned to speak the words.
 The sound of the first step has just been learned to fall.
 Just learned to walk with just a finger.

 I am your world and you are my sky.
 Mother has given birth to me.  But you are the basis of my birth.
 I have learned from you, I live with my first smile.
 It is said that if mother is land, then you are my sky.
 I have just learned to walk by holding my finger.

 The mother gave birth, I will never be able to repay her debt.
 I will not be able to forget my father's fridge.
 You both are our world, we are one, this is our family.
 I remember you used to have some money in a wallet.
 There were some, but he used to be there for us too.  We used to be happy but there was sadness somewhere and he used to hide it from us.
 I remember there used to be some money in your wallet.

 We used to get everything happy.
 Mother used to bring us with love and you used to wake us up and feed us.
 Don't know when the time slipped by the fist.
 We did not forget, but time changed a little bit.
 There was some helplessness on the shoulder.
 Once you did it, now it is our turn for all of us.
 Perhaps time has told us this.
 Teached us what is the love of mother and father.
 Some relationships are founded on love.
 That small happiness is so big for us.
 I remember, there used to be some money in your wallet.
 There were a few but that used to be for us too

 Such a small world is ours.
 Whose eyes are our stars.
 Every prayer is considered his.
 Whose mother and father are respected in the house.
 Everyone deserves respect.
 There were many desires that all of you used to bring.
 I remember you used to have some money in your wallet.
 There were few but he also used to be for us.

 ☘️ Rkumar 🍀

शनिवार, 20 जून 2020

,⛰️ सरहद। 🗻

,
🏞️ सरहद हमेशा खामोश रहते है। किंतु कभी अपनी खामोशी जताते नहीं।🤭
देश और दुनिया का विस्तार हुआ पर हम अभी अपने को एकांत पाते हैं।
लोगों ने हमको सीमाओं में, बांट दिया। एक दायरे में सिमट कर रह गए।
फिर भी हम खामोश है।
सीमाओं के लोगों ने आपस में, यह कैसा षड्यंत्र रचा।
आज हमारी जमीन पर बस युद्ध लड़े जाते हैं।
सरहद हमेशा खामोश रहते हैं किंतु अपनी खामोशी नहीं जताते हैं,🤭


🗻 ,हमने कितनी ही हलचल देखा अपनी सरजमीं पर।
न जाने कितने अपने लोगों को मरते देखा है।
कितने ही जख्म दिए अपने लोगों ने फिर भी हम खामोश रहे।
अपने इन नजरों से न जाने कितनी सभ्यताओं को जोड़ते देखा है।
पर हम खड़े रहे। हर गुजरती रातों में अपने आप को ढलते देखा है।
सरहद हमेशा खामोश रहते हैं किंतु अपनी खामोशी नहीं जताते हैं,🤭 



🌍 दुनिया बदल गई लेकिन हमने लोगों को चलते देखा है।
जब खामोश हो जाती हैं , सरहदें तो उन पर हलचल होने लगती हैं।
अपने पड़ोसियों के लिए जलन और सीमाओं पर दूरियां होने लगती है।
भूल जाते हैं बेरहम इंसान कि हम कभी पड़ोसी हुआ करते थे।
लेकिन आज के दौर में हम लड़ते रहते हैं।
सरहद हमेशा खामोश रहते हैं किंतु अपनी खामोशी नहीं जताते हैं।,🤭


🏔️ बहुत दर्द  है, मेरी खामोशी मैं मैंने लोगों को मिट्टी में मिलते देखा है।
मेरी खामोशी का दर्द कोई समझ नहीं पाता।
इसीलिए हम गिराने में रहते हैं, बस्ती या कहीं दूर जाकर बस्ती और हम एकांत खड़े रहते हैं।
बस कुछ ही लोग हैं जो हमारा दर्द समझते हैं।
जो अपने सरहद की सुरक्षा के लिए हमारे गोद में रहते हैं।,🤺
वही तो मेरा परिवार है जिसे हम सैनिक कहते हैं।
इस वीरान पड़े धरती पर वह मेरी संतान है।
मेरी रक्षा करते हैं मैं उनकी रक्षा करता हूं।
सरहद हो गई सब खामोश रहते हैं किंतु अपनी खामोशी नहीं जताते ⛰️
                             🥀Rkumar🥀
                                     🙏



गुरुवार, 18 जून 2020

मूलभूत आवश्यकता

जीवन में मूलभूत आवश्यकताओं की वस्तु जुटाते रहे इससे आगे कभी बढ़कर देखा ही नहीं।
मंदिर मस्जिद के आगे कभी बढे ही नहीं।
शांति का उपदेश दिए और नफरत फैलाते रहे।
जातिवद वंशवाद विचारों में, ही फंस फंसे रहे।
जीवन में मूलभूत आवश्यकताओं की वस्तु जुटते रहे इससे आगे कभी  बढे ही नहीं।

देश में उच्च वर्ग और निम्न वर्ग के बीच की दूरियां बढ़ती रही।
भूख की कमी को मिटाने की कोशिश नहीं की जनता को बेवकूफ बनाते रहे।
लगे रहे वो अपनी किस्मत चमकाने में।
बना लिया घर अपना दूसरों को लूट के खाने में।
फायदा हुआ चंद लोगों को बाकी सब बेकार हुए।
जो बेकसूर थे अब वही  गुनहगार हुए।
जीव में मूलभूत आवश्यकताओं की वस्तु जूट रहे इससे आगे कभी बढे ही नहीं।

आपस में ही राजनीति करते रहे सरोकार के जोरों पर।
अपने फायदे की राजनीति करते रहे देश को अंधेरे में डालकर।
अब समझ में आया कि कुछ मुद्दे बहुत जरूरी है।
देश के आंतरिक मामले एवं सेवाएं बहुत जरूरी है।
देखा है मैंने अपने देश के लोगों को सेवाओं के अभाव में मरते।
कुछ तो लाइनों में लगकर और कुछ सड़कों पर चलते चलते।
इस विपदा की घड़ी में फिर भी साथ खड़े रहे।
बहुतों को खो दिया है। हमने इन सेवाओं के अभाव के चलते।
हम आपस में लड़ते रहे। अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए।
स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति की कमी है।
सरकार और संस्थाओं को आपस में मतभेद करते देखा।
जनता की लाचारी इतनी है पहले बेरोजगारी थी ऊपर से जानलेवा बीमारी है।
अस्पतालों की लाचारी देखो अपनों को बचाने में लगे रहे।
कुछ लोग उन पर ही उंगली उठाते रहे।
जीवन के मूलभूत आवश्यकताओं की वस्तु जुटाते रहे रहे इससे आगे कभी बढ़कर देखा ही नहीं।

इस बार का बस मुद्दा ये ही होना चाहिए।
देश की सुरक्षा और स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता हो
1 दिन उपवास करके रह सकते हैं।
लेकिन सुरक्षा और स्वास्थ्य के बिना आगे हम नहीं लड़ सकते हैं।
अब लोगों को जागरूक होना है। देख लो विकसित अर्थव्यवस्था भी हार गई।
वह तो काबिल थे अपनों को बचाने के लिए पर जागरूक नहीं थे, इसीलिए वह भी हार गए।
काबिलियत की कमी नहीं है। लेकिन वह भी इस समस्या के आगे लाचार हो गए।
इसीलिए जागरूक होना ,भी जरूरी है। आने वाले भविष्य के लिए।
हम लड़ते रहे, मूलभूत आवश्यकताओं की वस्तुएं जुटाने के लिए।

सोमवार, 15 जून 2020

" 🤐*** खामोशी ***,,🤐

खामोश कर गया तू हमको कुछ तो बात छुपाई तुमने हमसे,
क्या कीमत चुकाई उस आंचल की जो तूने उसे भी असहाय किया।
कर गया तू इतनी बड़ी गलती जो तू हमें भूल गया क्यों
एक बंद पड़े कमरे की खामोशी ऐसा क्या पाया  था । तुमने
करके हम सबको तन्हा जब मिले इस बच्ची को गले लगाया था
ना आई तुझे उन आंखों की याद जिसने तुझे रातों को लोरी गाकर सुनाया था।
अच्छा किया तूने जो सब कुछ भूल गया।
कुछ फर्ज कभी अधूरे थे कंधे पर बैठाकर तुझे घूमा करते थे।
फिर तो तूने हमें कंधा देने के लिए अकेला छोड़ गया क्यों?
इस बंद पड़े कमरे की खामोशी ऐसा क्या तूने पाया था!

बहुत कुछ बांटा था हमने कुछ दर्द भी बांट लिया होता।
छोड़कर जाने से पहले इतना तो सोच लिया होता।
निर्णय लेने का यह अधिकार तेरा नहीं हम तेरे आखिर प्यारे थे।
कुछ तो दर्द अपना हमसे बयां किया होता।
कुछ तो बातों का हल निकाल लेते हम दोनों मिलकर
क्यों फिर तुमने अपने को अकेला समझ लिया।
तुझे तो पता भी नहीं कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी हमको।
न जाने कितनी राते अब खामोशी में बितानी पड़ी हमको।
एक बंद पड़े कमरे की खामोशी ऐसा क्या तुमने पाया था।

आंखें नम हो गई हमारी जब तेरा यह पैगाम आया।
खो गई दुनिया हमारी जब तूने हमें गले लगाने से बेहतर तूने उस रस्सी को पाया।
आजकल में तो यह आम बात हो गई।
अपने दर्द को छुपाने के लिए यह तो आखरी रास्ता नहीं।
रास्ते तो बहुत है पर ना जाने क्यों उस पर चलते नहीं
सभी प्रश्नों का हल है पर क्यों उन्हें करते नहीं
क्यों खामोश हो जाती हैं हर धड़कन क्यों वह बातें करते नहीं।
अपनों के बीच रहते हुए क्यों अकेले यह निर्णय कर लेते हैं।
उस बंद पड़े कमरे की खामोशी ऐसा क्या तूने पाया था।

अपने पीछे कई प्रश्नों को तू छोड़ गया।
पता होता कि तू ऐसे जाएगा क्यों कभी तुझे अपने से दूर ना जाने दिया होता।
सही कहते हैं कि कमा लिया तूने धन दौलत और सुख सुविधाओं की कमी ना हुई सब चैन कहीं खो गया
भीड़ तो खड़ी रही उस रास्ते पर पर तू अकेला हो गया।
चल तुझे तो मिल गया होगा उस बंद पड़े कमरे की खामोशी में,
न जाने कितनी बातों को अब दिल से मिटाना होगा
तू तो खुश है उस जहां में, अब हमें तेरी यादों में रोना होगा।
उस बंद  पड़े कमरे की खामोशी ऐसा क्या तूने पाया था

                                 R kumar.

शनिवार, 13 जून 2020

जल का महत्व जीवन के लिए।

धरातल की गहराई शीतल धारा की तरह बहती  हूं। मैं,
पानी से पूछा मैंने कि तेरी तासीर है क्या जीवन में,
मन को शांत कर देती हैं और तन को शीतल कर देती है।
तृष्णा मिटाती हूं मैं प्राणी के जीवन में, सबके लिए मूल्यवान
 हूं ।मैं,
जल की ही धारा ने प्रकृति को सुंदर बनाया हर एक के जीने की चाह हूं। मैं,
धरातल की गहराई में शीतल धारा की तरह रहती हूं। मैं,


बूंद बूंद से बन कर मेरी जलधारा का निर्माण हुआ
जब मैं आई वसुंधरे में। तो लोगों का कल्याण हुआ।
नदियों की गोद में मैं खेलती शीतल धारा की तरह बहती हूं।
 मैं,
निरस है प्राणी मेरे बिना मेरी ही हर बुद लोगों को जीवन देती हूं । मैं,
सेवा की भावना मुझसे ही उत्पन्न हुई लोगों की प्यास बन कर।
धरातल की गहराई में शीतल धारा की तरह बहती हूं। मैं,

उद्गम हुआ जब मेरा मैं पर्वत पठार नदियों झीलों में रहती हूं मैं।
मेरी ही शीतल धारा के कारण लोगों की प्यास बुझती है।
 वन उपवन है,सब हरा भरा और हरियाली मुझसे ही फूलती और फलती है।
सभ्यता का जब विस्तार हुआ मेरे ही जल धारा के किनारे उसका विकास हुआ।
मैं ही जीवन देने वाली बनी प्रकृति के संग मैं चलती रही
मेरे ही एक बूंद से जीवन का निर्माण हुआ।
धरातल की गहराई में शीतल धारा की तरह बहती हु। मैं,

एक दौर तरक्की का आया मैं भी साया बनकर चलने लगी।
मानव ने अपना विस्तार किया और मेरा अस्तित्व कहीं ढलने लगा।
सूखते चले गए जहां जहां जहां मेरा उद्गम हुआ।
मानव ने अपने महत्व के आगे मेरी धारा को दूषित किया।
समय जैसे-जैसे बढ़ता गया मानव जाति से दूर को चली
पहले थी में धरातल की गोद में अब मैं वहां से भी सूखते चली।
आने वाले वक्त में मैं अपना ही अस्तित्व को ना बचा पाऊंगी।
जीवन तो रहेगा पर की परिभाषा बस रहे जाएगी ।
धरातल की गहराई में शीतल धारा की तरह बहती हूं। मैं,

अभी कुछ नहीं गया थोड़ा सा जतन कर लो।
जागरूक हो जाओ और जल को बचाने का प्रयत्न कर लो।
धरातल पर जल तो होगा पर उसने मिठास ना होगी।
जल तो बहुत है पर खारा है उसे पीने से प्यास नहीं  बुझेगी
नदियों को संरक्षण कर उसे दूषित होने से बचा लो।
अपने इस वसुंधरे को  प्रदूषण से मुक्त कर दो।
जल की हर बूंद को जीवन का अभिन्न अंग मानकर सुरक्षित कर लो।
जलधारा की बस इतनी सी यही कहानी है।
अपने लिए नहीं तो आने वाले भविष्य के लिए सुरक्षित कर लो।
धरातल की गहराई में शीतल धारा की तरह रहती हूं ।मैं,


गुरुवार, 11 जून 2020

हौसला


हौसला रखो यह भी वक्त गुजर जाएगा
गुजरते हुए वक्त में कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी।
यह भी वक्त के साथ दफन हो जाएगा।
वक्त के साथ चलते-चलते बस इतनी कमी रह जाएगी।
वक्त तो बित ही जाएगा बस कुछ लोगों की कमी रह जाएगी
आंखें नम होंगी हर एक की आंसू पोछने  वालों की कमी हो जाएगी।
परिवार तो रहेंगे इसमें खुशियों की कमी हो जाएगी।
हौसला रखो यह वक्त भी गुजर जायेगा।

कितने ही दर्द से गुजर ना होगा।
कितनी ही रातें यू ही काली हो जाएगी।
सवेरे की चाहत में रात को नींद ना आएगी।
आने वाला कल कैसा होगा यह भी पता नहीं।
हर गुजरते हुए वक्त में बस यादें रह जाएंगी।
न जाने कितनी तकलीफ से हमें वक्त के साथ गुजरना होगा।
यह वक्त ही बताएगा
हौसला रखो यह वक्त भी गुजर जायेगा।

जब देखता हूं मैं दुनिया का यह मंजर आंखें मेरी भी नम हो जाती है।
कभी किसी का साथ ना छोटे यह रीत पुरानी है।
हम रहे या ना रहे बस इतना कर जाएं।
गुमनामी के अंधेरे में खोने  से पहले कुछ अच्छा करता ह।
 कुछ ऐसा कर जाए जिसे कि दुनिया याद करें
 जो हो गया है उसे बदल नहीं सकते
बस हम अपनों के आने वाले खतरों से सुरक्षित कर जाए।
क्यों सोचते हो कि कोई आएगा हमें बचाने यह ख्यालात पुराने हैं।
कदम से कदम मिलाते चलो बस यही तो बताना है।
हौसला रखो यह भी वक्त गुजर जाएगा

बिखर के टूट गए हैं जो उनको हौसला दिलाना है।
अभी जिंदगी का अंत नहीं हुआ यह उन्हें बताना है
यह एक बुरा सपना है इसे भी 1 दिन मिट जाना है।
मत डरो अपने अंत से एक दिन सबको ही जाना है।
कुछ पल के लिए जिंदगी खामोश हो जाती है।
लेकिन जिंदगी का सफर तो चलते ही जाना है।
 खुशी और गम जिंदगी का एक अफसाना है।
हौसला रखो यह भी वक्त गुजर जाएगा।

दर्द भरे इस लम्हों में बस साथ चाहिए।
पल भर की खुशी मिल जाए बस यही काफी है।
कितनों को खो चुकी है ये आंखें बस उनको एहसास दिलाना है।
लड़ रहे अभी अपनी जिंदगी से हम न जाने कितनों को और
गवाना है।
कुछ तो गलती की है हमने, आगे हमें इन गलतियों से सीखते जाना है।
अपनों को खोने का दुख वही जानता है जिसने अपनों की जान गवाई है
भटकता हुआ मुसाफिर है दर्द भरे लम्हों का ओ साथी।
क्यों खामोश है वह जुबा जिसने यह लापरवाही फैलाई है।
लड़ नहीं रहे अकेले हम। जिंदगी में कि हमसे रुसवाई है।
हौसला रखो यह वक्त भी गुजर जाएगा।

बुधवार, 10 जून 2020

शिक्षा


शिक्षा शिक्षा ने हमारे जीवन का विस्तार किया।
जीवन को सुंदर बनाएं शिक्षा नहीं हमें नए-नए तरीके सिखाए ज्ञान से ही विज्ञान की तरक्की हुई, शिक्षा के वरदान से दुनिया को नई दिशा में तरक्की हुई।
किंतु युग परिवर्तन के इस दौर में सब कुछ व्यापार सा हो गया है।

शिक्षा नई ऊंचाइयों को छू लिया किंतु कुछ लोगों के हाथों तक की तुझे सीमित रह गया।
अब बच्चों की किस्मत के साथ यह कैसा खिलवाड़ हो रहा है कितना दे सकता है अभिभावक अब बस जेब को देखा जा रहा है।
किंतु शिक्षा इस बदलते दौर में अब व्यापार करने की संस्था हो गई है।


 प्राचीन काल में शिक्षा एक शभय समाज का उसके लिए वरदान था।
गुरू के  मुख से निकले हुए वचन पत्थर पर लिखी एक लकीर जैसा थी ।
किंतु वर्तमान में बस यह सब एक दिखावा सा लगता है।
 गुरु की महिमा अब किताबों में कहीं खो गई।
शिक्षा बस लोगों के जीवन व्यापार करने की एक संस्था हो गई हैं।

 विज्ञान ने विकास किया पर शिक्षा कहीं इसके अधीन हो गई। पहले लिखते पढ़ते थे किताबों से अब किताबें भी मॉडल हो गई।
किंतु अब किताबों की रौनक थोड़ी सी फीकी हो गई।
 फिर भी किताबें आज भी अपने वजूद पर कायम है। कि फिर फिर भी किताबों ने कभी समझौता नहीं किया बस गलती इंसानों से हो गई।
किंतु शिक्षा के बदलते इस दौर में अब व्यापार करने की संस्था हो गई है।
  नई तकनीकी के इस दौर को अपनाना भी जरूरी है।
 शिक्षा ही जीवन है, और शिक्षित होना जरूरी है।
शिक्षा ज्ञान का भंडार है, इसे व्यापार ना बनाओ किंतु इसका प्रसार बहुत जरूरी है।
 शिक्षा ही दुनिया का वह हथियार है, जो ज्ञान के बिना दुनिया अधूरी है।
शिक्षा के इस लेनदेन के चक्कर में कितने मासूम बच्चों को वंचित किया।
 शिक्षा ही जीवन के नई राह दिखाती है।
 इसको व्यापार की श्रेणी में मत रखो शिक्षित होना बहुत जरूरी है।
 विद्या ही विद्यार्थी का जीवन है। शिक्षा बिना विद्यार्थी का जीवन अधूरा है।
 किंतु शिक्षा के बदलते दौर में व्यापार करने की संस्था हो गई है।
                     R kumar

कहानी संघर्ष की।

 कहानी संघर्ष की।                                                                                                          2023 के संघर्ष  क...