बुधवार, 29 नवंबर 2023

वक्त हैं गुजर जाएगा

समझौता नहीं हमने हर एक परिस्थितियों से लड़ना सीखा है, हार कर भी जीतना सीखा है।


 हर माहोल में चलना सीखा है, कुछ पल के लिए डगमगा गए कदम क्या हमारे पर हमने गिर कर संभलना भी सीखा है। 

कुछ पल के लिए खामोश हो गए ऐसा नहीं की चुप हो गए।  उस खामोसी आने वाले तूफान को देखा है।

वक्त हैं गुजर जाएगा समझौता नहीं हमने हर एक परिस्थितियों से लड़ना सीखा है।

 


हर संभवत कोशिश कर लिया पर परिणाम हमारे अनुकूल ना था 

हर चहरे को रोते देखा कहते है,हम हार गए पर हमने तो आपने सपने को खोते देखा कोई नहीं सायद इससे अच्छा होगा

 हर रात के चार पहेर होते हैं,अंधेरा छट जाने के बाद सवेरा होता है।

जो बीत गया वो कल था आने वाले भविष्य सुनहेरा होगा।

माना कि मज़हबी बन जाते हैं। 

क्योंकि हर दिल में वही बसता है। 



 हार और जीत ये तो बस खेल का हिस्सा हैं।
नाराज तो होगे पर शायद इतना नही।
क्योंकि अभी खेल तो खत्म हुआ ही नहीं।
फिर से आएंगे क्योंकि कुछ ऐसा ही तो अपना रिश्ता है,


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