यौवन :वो मौसम जिसको आना तो एक बर हैं। समय के साथ बिखर जाना भी हैं।
खूबसूरत कलियों को देख भोरे खींचे चले आते है। ये ना जानते हुए कि जान तो जाना यौवन का नशे में कुछ फना हो जाते हैं। महोबत के नशे में,
यौवन और सौंदर्य : दोनो पुरका हों तो सौंदर्य चार चांद लगा। जाते हैं। विपरीत होता यौवन की खायती कम हो जाती हैं। किंतु ये आवस्था ऐसी है, हर कोई गुमराह हो जाता हैं। दिल और दिमाग के बीच संघर्ष होता रहता है। जाने अनजाने में, कुछ ऐसे कदम उठाया लिए जाते। भविष्य में परिणाम अति दुखद हो जाते हैं।
सोसल मीडिया : सभी वर्गो के लोगो को प्रभावित कर रहा है, जिन हाथों में खिलौने और किताब होना चाहिए वहा पर मोबाइल हैं। लोगो की मानसिकता इस कदर प्रभावित हुआ है कि सब कुछ छोड़ा कर काफी समय बिता रहे हैं। युवाओं इस कदर प्रभावित किया है कि असभ्य बनते जा रहे हैं। सोसल मीडिया 10 में से 4 कंटेंट सही है। बाकी 6कैंटेट दिखाने योग्य नहीं हैं। थोड़ा फेमस और कुछ पैसे के लिए जिस्म और ज़मीर दोनो बेच रहे हैं।
सोसल मीडिया को खराब कहे कुछ हद तक कहेना ठीक नहीं हैं,कामिया हम में हैं। जो थोड़े फेमस होने के चक्र में खुद को बदनाम कर रहे हैं। जैसे एक सिके के दो पहलू होते हैं। वैसा ही सोसल मीडिया हैं जिस नजरिया से देखना चाहते हो वैसा ही दिखाएगा अब वो तो आपने आप पर निर्भर करता है।
इतना भी नशे में ना रहो की पैमाने से जमा छलक जाए। इतना शोहरत के पीछे ना भागो अपनो का साथ छुट जाए।
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