शनिवार, 13 जुलाई 2024

कहानी संघर्ष की।

 कहानी संघर्ष की।                                                                                     2023 के संघर्ष  की वो रात नरेंद्र मोदी स्टडीम 130 करोड़                      भारतीये  के सपनों की 11 लोगो के कंधो पर थी |

 बहुत  से अरमान  थे।  हमने  सब कुछ अच्छ  किया  पर किस्मत को  कुछ और ही  मंजूर  था |

उस  सपनो  की उड़न  में कुछ  कमी  रहे गईं  थी,जो ख़ामोशी  बनकर  दिलो में  घर  कर गई। 

साल आया 2024,नई उम्मीदें और नया जोस और वो 11 खुखार शेर जहां से खत्म किया था।

वही  से  शूरू।                                                                                       कहते है ना घायल शेर को कभी खुले में नहीं  छोड़ना,चाहिए  लौट  के आता है। 

काफी खुखार  हो जाता है ऐसा   ही हल था,टीम इंडिया का

 उस  रात  जो  दिल  टूटे  थे  उनको  नया  आकार  देना था।  

कुछ उन्सुल्छे  सवालो का भी  जवाब  देना था। 

बहुत  ख़ामोशी  थी   उस  रात  में  अब उनको  ख़ामोश  करना  था

20  टीमे  4  गुरुप  और  खेल  का  सगम  अब  विरोधियो  को  धोना  है।  संघर्ष की इस  कहानी  कई  किरदार निभाने  है। जानते  तो सभी  है।   लेकिन  कुछ जख़्म  पुराने  है,

उस  रात  को  खामोश  किया  था। अब उन्हें  भी  तो  साइलेंट  से वैलेन्ट  करने  की बरी थी।

उनको भी पता था, की इस बार माइंड गेम  नहीं  बस वॉर  होगा।

ख़ामोशी का जवाब देना है।

इतनी  खामोसी से की  सबने देखा की और  कहा  कुछ तो खास बात है, जो की उम्मीदो को कायम रखा 

शुक्र गुजार है, उन सभी का  जो 2024 को एक याद में  हम सब के दिलो में  सजाए  रखा।

इतना ही था। कहानी संघर्ष की।

      धन्यवाद  टीम इंडिया 

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कहानी संघर्ष की।

 कहानी संघर्ष की।                                                                                                          2023 के संघर्ष  क...