कुछ रिश्ते बहुत अजीब से होते हैं। उनका कही पर नाम नही होता. फिर भी उन रिस्तो में कुछ तो खास बाते होती हैं। रिश्ते रंग लहू के नही कुछ चेहरे से बन जाते है। दिल में प्यार हैं। पराए भी अपने बन जाते है।
थोड़ी जिमेदारी निभाते - २ नजाने कब चहेरो पर छुरिया और बाल सफेद हों गए। दो वक्त की रोटी के लिए अपनो को छोड़ा कही अजनबी शहर में, बस जाते है।
रिश्ते ही है,जिनके होने से एक परिवार कहलाते है।अजीब है, हर रिश्ता जिनकी जिमेदारिया कम नहीं होती
बस चहेरे नए होते हैं। जिमेदारियां तो वही होती हैं।
उम्र के हर मोड़ पर साथ निभाना होता है।
उम्र छोटी हो या बडी रिश्ता तो हर किसी को निभाना होता है। वक्त ने हमे किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है। कदर अब रिश्तों की कम किरदारों की होने लगी। टूट रहा है, हर एक रिश्ता आपस के अनसुलछे सवालों से दूरियां होने लगी है।
अब तो हर परिवार में इक दीवार खड़ा होने लगा है! थोड़ी सी समछ हर समस्या हल हो जाएगी। अपने रुख कर नर्म खुशियां फिर से आएगी, माना कि जिमेदारी है, बडी उम्मीद तो रख खुशियों की दुनिया हर चहेरे पर नजर आएगी।
🙏 Rkumar 🙏🏻
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