बुधवार, 10 जून 2020

शिक्षा


शिक्षा शिक्षा ने हमारे जीवन का विस्तार किया।
जीवन को सुंदर बनाएं शिक्षा नहीं हमें नए-नए तरीके सिखाए ज्ञान से ही विज्ञान की तरक्की हुई, शिक्षा के वरदान से दुनिया को नई दिशा में तरक्की हुई।
किंतु युग परिवर्तन के इस दौर में सब कुछ व्यापार सा हो गया है।

शिक्षा नई ऊंचाइयों को छू लिया किंतु कुछ लोगों के हाथों तक की तुझे सीमित रह गया।
अब बच्चों की किस्मत के साथ यह कैसा खिलवाड़ हो रहा है कितना दे सकता है अभिभावक अब बस जेब को देखा जा रहा है।
किंतु शिक्षा इस बदलते दौर में अब व्यापार करने की संस्था हो गई है।


 प्राचीन काल में शिक्षा एक शभय समाज का उसके लिए वरदान था।
गुरू के  मुख से निकले हुए वचन पत्थर पर लिखी एक लकीर जैसा थी ।
किंतु वर्तमान में बस यह सब एक दिखावा सा लगता है।
 गुरु की महिमा अब किताबों में कहीं खो गई।
शिक्षा बस लोगों के जीवन व्यापार करने की एक संस्था हो गई हैं।

 विज्ञान ने विकास किया पर शिक्षा कहीं इसके अधीन हो गई। पहले लिखते पढ़ते थे किताबों से अब किताबें भी मॉडल हो गई।
किंतु अब किताबों की रौनक थोड़ी सी फीकी हो गई।
 फिर भी किताबें आज भी अपने वजूद पर कायम है। कि फिर फिर भी किताबों ने कभी समझौता नहीं किया बस गलती इंसानों से हो गई।
किंतु शिक्षा के बदलते इस दौर में अब व्यापार करने की संस्था हो गई है।
  नई तकनीकी के इस दौर को अपनाना भी जरूरी है।
 शिक्षा ही जीवन है, और शिक्षित होना जरूरी है।
शिक्षा ज्ञान का भंडार है, इसे व्यापार ना बनाओ किंतु इसका प्रसार बहुत जरूरी है।
 शिक्षा ही दुनिया का वह हथियार है, जो ज्ञान के बिना दुनिया अधूरी है।
शिक्षा के इस लेनदेन के चक्कर में कितने मासूम बच्चों को वंचित किया।
 शिक्षा ही जीवन के नई राह दिखाती है।
 इसको व्यापार की श्रेणी में मत रखो शिक्षित होना बहुत जरूरी है।
 विद्या ही विद्यार्थी का जीवन है। शिक्षा बिना विद्यार्थी का जीवन अधूरा है।
 किंतु शिक्षा के बदलते दौर में व्यापार करने की संस्था हो गई है।
                     R kumar

8 टिप्‍पणियां:

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  यौवन   : वो मौसम जिसको आना तो एक बर हैं। समय के             साथ बिखर जाना भी हैं।         खूबसूरत कलियों को देख भोरे खींचे चले आते है।    ...