जीवन को सुंदर बनाएं शिक्षा नहीं हमें नए-नए तरीके सिखाए ज्ञान से ही विज्ञान की तरक्की हुई, शिक्षा के वरदान से दुनिया को नई दिशा में तरक्की हुई।
किंतु युग परिवर्तन के इस दौर में सब कुछ व्यापार सा हो गया है।
अब बच्चों की किस्मत के साथ यह कैसा खिलवाड़ हो रहा है कितना दे सकता है अभिभावक अब बस जेब को देखा जा रहा है।
किंतु शिक्षा इस बदलते दौर में अब व्यापार करने की संस्था हो गई है।
प्राचीन काल में शिक्षा एक शभय समाज का उसके लिए वरदान था।
गुरू के मुख से निकले हुए वचन पत्थर पर लिखी एक लकीर जैसा थी ।
किंतु वर्तमान में बस यह सब एक दिखावा सा लगता है।
गुरु की महिमा अब किताबों में कहीं खो गई।
शिक्षा बस लोगों के जीवन व्यापार करने की एक संस्था हो गई हैं।
किंतु अब किताबों की रौनक थोड़ी सी फीकी हो गई।
फिर भी किताबें आज भी अपने वजूद पर कायम है। कि फिर फिर भी किताबों ने कभी समझौता नहीं किया बस गलती इंसानों से हो गई।
किंतु शिक्षा के बदलते इस दौर में अब व्यापार करने की संस्था हो गई है।
नई तकनीकी के इस दौर को अपनाना भी जरूरी है।
शिक्षा ही जीवन है, और शिक्षित होना जरूरी है।
शिक्षा ज्ञान का भंडार है, इसे व्यापार ना बनाओ किंतु इसका प्रसार बहुत जरूरी है।
शिक्षा ही दुनिया का वह हथियार है, जो ज्ञान के बिना दुनिया अधूरी है।
शिक्षा के इस लेनदेन के चक्कर में कितने मासूम बच्चों को वंचित किया।
शिक्षा ही जीवन के नई राह दिखाती है।
इसको व्यापार की श्रेणी में मत रखो शिक्षित होना बहुत जरूरी है।
विद्या ही विद्यार्थी का जीवन है। शिक्षा बिना विद्यार्थी का जीवन अधूरा है।
किंतु शिक्षा के बदलते दौर में व्यापार करने की संस्था हो गई है।
R kumar
बहोत ही बदिया लिखा है
जवाब देंहटाएंThanks aj
जवाब देंहटाएंWell done
जवाब देंहटाएंTrue facts well done 👌
जवाब देंहटाएंGood Content
जवाब देंहटाएंVery good bro
जवाब देंहटाएंNice Content Bro
जवाब देंहटाएंNice article
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