मंगलवार, 9 जून 2020

अधूरी चाहत


तेरी मोहब्बत क्षेतिज की तरह है ,प्यार मिलता है ।
कहीं दूर जाकर भी  प्यार मुकम्मल नहीं होता।
दिल की दीवानगी पर अब किसी और  के नजरों का पहरा है।
छुपा के रखा है,दर्द अपने दिल में, ये  दुनिया क्या जाने कि प्यार  दिल में कितना गहरा है।
मोहब्बत की बातें  ये क्या जाने जो बंद निगाहों से देखा करते हैं।
लबों को कुछ कहने की जरूरत नहीं ये आंखें सब बयां करती हैं, दिले ए हाल का.
तेरी मोहब्बत क्षेतीज की तरह है, प्यार मिलता है।
कहीं दूर जाकर ही प्यार मुकम्मल नहीं होता।

कुछ तो नशा तेरी आंखों का है,जो मुझे कभी तन्हा नहीं रहने देता है।
मैं मदहोश रहता हूं। तेरे इश्क का असर कुछ ऐसा है।
ये सुरूर है तेरे इश्क का जो मुझको कभी बहकने नहीं देता।
तेरी यादें मुझे मदहोश कर देती हैं। और तेरा इश्क मुझे किसी और का होने नहीं देता।
तेरी मोहब्बत क्षेतिज तरह है, प्यार मिलता है।
कहीं दूर जाकर भी प्यार मुकम्मल नहीं होता ।

जिक्र कहीं होगा मोहब्बत के अफसाने का तो नाम लबों पर मेरा ही होगा।
कुछ पल के लिए ही सही वह वक्त हमारा ही होगा
कुछ तो कमी रही होगी हमारी मोहब्बत में, जो हम उन दूरियों को मिटा ना पाए ।
जब भी कभी जिक्र होता है। तेरे नाम का इस दिल के दरमियां प्यार तेरा ही होगा।
तेरी मोहब्बत क्षेतिज की तरह है, प्यार मिलता है।
 कहीं दूर जाकर भी प्यार मुकम्मल नहीं होता ।

मदहोशी का आलम इस कदर छाया रहता है।
 हर जर्रे में तेरी सूरत नजर आती है।
जिक्र करता हूं। अपनी मोहब्बत की दास्तां कभी आईने से तो वो भी मुझे तेरी याद दिलाता है।
पल भी थम जाए तेरी यादों में, लेकिन याद नहीं जाती दिल से
आंखों का क्या कसूर जो रोती रही तेरी याद में ,रातों को
तेरी मोहब्बत छेतिजा की तरह है प्यार मिलता है।
 कहीं दूर जाकर भी प्यार मुकम्मल नहीं होता।

6 टिप्‍पणियां:

फेम की मदहोशी

  यौवन   : वो मौसम जिसको आना तो एक बर हैं। समय के             साथ बिखर जाना भी हैं।         खूबसूरत कलियों को देख भोरे खींचे चले आते है।    ...