गांव का दर्द बस इतना सा है
उस आंचल में पैदा हुआ है लेकिन एक दिन उसे छोड़कर जाता है
शहर की विकासशील रोशनी में
गांव कहीं अंधेरे में खो जाता है
लेकिन अस्तित्व उसका भी है
शहर की भीड़भाड़ से कहीं शांत नजर आता है
कुछ पल के लिए खुशियां मिलती हैं
जब वह बिछड़े को अपने करीब पाता है

अपने खेतों में फिर हो वो मशरूफ हो जाता है
शहरों की खुशियों के खातिर
अपने इस दर्द को छुपाता है
गांव का दर्द बस इतना है
उस आंचल में पैदा हुआ है लेकिन एक दिन उसे छोड़कर जाता है
शहर की विकासशील रोशनी में
गांव कहीं अंधेरे में खो जाता है
लेकिन अस्तित्व उसका भी है
शहर की भीड़भाड़ से कहीं शांत नजर आता है
कुछ पल के लिए खुशियां मिलती हैं
जब वह बिछड़े को अपने करीब पाता है

अपने खेतों में फिर हो वो मशरूफ हो जाता है
शहरों की खुशियों के खातिर
अपने इस दर्द को छुपाता है
गांव का दर्द बस इतना है

बहुत खूब
जवाब देंहटाएंThank you
हटाएं