कहते हैं कानून अंधा होता है।
वह तो चलता हैं, सबूत के आधार पर
बिक जाती है हस्ती यहां पर
सरोकार के जोरों पर
कहते हैं कानून अंधा होता है।
नियम कानून बनते हैं,
गुम हो जाते हैं कागज के ढेरों में
कहीं बेकसूर मारा जाता है
कहीं लुटती आबरू अंधेरों में,
कहते हैं कानून अंधा होता है।
वो तो चलता है सबूत के आधार पर।
बिकता है, हर कानून यहां पर खरीददार की कमी नहीं
दांवपेच का खेल है, बिकता है हर नियम यहां के गलियारों में
गुनाह कर आजाद घूमते हैं सबूतों के अभाव में
कहते हैं कानून अंधा होता है।
वो तो चलता है सबूत के आधार पर
वह तो चलता हैं, सबूत के आधार पर
बिक जाती है हस्ती यहां पर
सरोकार के जोरों पर
कहते हैं कानून अंधा होता है।
गुम हो जाते हैं कागज के ढेरों में
कहीं बेकसूर मारा जाता है
कहीं लुटती आबरू अंधेरों में,
कहते हैं कानून अंधा होता है।
वो तो चलता है सबूत के आधार पर।
बिकता है, हर कानून यहां पर खरीददार की कमी नहीं
दांवपेच का खेल है, बिकता है हर नियम यहां के गलियारों में
गुनाह कर आजाद घूमते हैं सबूतों के अभाव में
कहते हैं कानून अंधा होता है।
वो तो चलता है सबूत के आधार पर


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