निर्मल सा रूप तेरा
प्यार करती चाहे छोटा हो या बड़ा
हर आंगन की शोभा तुझसे
प्यार की दौलत तुझसे ऐसा मां रूप तेरा
ऐसा नारी रूप तेरा
दूजा रूप बहन का जोहर भाई का अभिमान है
प्यार का खजाना भाई की कलाई में रेशम के धागे से जुड़ा
तेरा रोना और सब को हंसा देना
बहन ऐसा प्यार ना कोई दुनिया में तेरा
ऐसा नारी रूप तेरा
अर्धांगिनी बना आई आंगन ऐसा निर्मल रूप तेरा
लालच भरी निगाहों से अत्याचार फैलाते हैं
नारी की गरिमा का अपमान कर जाते हैं
हर घर की दहलीज पर नारी का सम्मान करो
जिस प्यार की दौलत से खुदा ने नवाजा उसका ना तुम अपमान करो
दूजा ना कोई रूप तेरा
ऐसा नारी रूप तेरा
जिस को पूजा जाता मंदिर में वह भी एक नारी है
क्यों लूट लूटते हैं किसी की अस्मत वह भी तो एक नारी है
क्यों भूल जाते हैं छोटा सा शब्द रचा संसार ने जिसको मां कहलाते है
मां प्रकृति मां धरती मां गंगा कहलाती है
ऐसा नारी रूप तेरा




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