मंगलवार, 19 मई 2020

इंसानियत

क्या रखा है मंदिर मस्जिद गिरजा और गुरुद्वारे में।
हम सब के ह्रदय में एक इंसान हैं रहता
जोकि एक प्रेम की भाषा ही है समझता ।




किसी के दिल को दुखा कर हम खुश नहीं रह सकते
इंसानियत जब तक जिंदा है इस दिल में,
क्यों भर रखा है नफरत भरे अंगारे इस दिल में,
जिस मासूम से दिल में प्यार है रहता



कुछ गलतफहमी है तो प्यार से सुलझा लो
ना रहे यह फासले गैरों  के बीच
हमको भी अपना बना ले
क्या रखा है मंदिर मस्जिद गिरजा और गुरुद्वारे में
हम सबके हृदय में इंसान ही बसता

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