जंग तो बहुत देखा है दुनिया ने इस दौर में,
एक तरफ शोषण करते रहे हथियारों के होड़ में।
रक्त में कितने के ना जाने कितने जान गवाही है।
न जाने कितनों के आशिया बिखर गए
हथियारों के इस दौर में। यह कैसी कीमत चुकाई है।
दुनिया में रहती थी शांति अब बहुत शोर है।
बर्बाद हुए बैठे हैं फिर भी बहुत गुरूर है।
कभी नहीं सोचा यह कैसी कीमत हमने चुकाई है।
जंग तो बहुत देखा दुनिया ने इस दौर में,
समझौते की बुनियाद तो जीवन पाया है।
बचा सके ना अपनों को ना जाने कितनी जाने गवाए है।
अपने ख्वाहिश के चक्कर में दुनिया में नफरत की आग फैलाई है।
हथियारों के इस दौर में ये कैसी कीमत चुकाई है
एक तरफ शोषण करते रहे हथियारों के होड़ में।
रक्त में कितने के ना जाने कितने जान गवाही है।
न जाने कितनों के आशिया बिखर गए
हथियारों के इस दौर में। यह कैसी कीमत चुकाई है।
दुनिया में रहती थी शांति अब बहुत शोर है।
बर्बाद हुए बैठे हैं फिर भी बहुत गुरूर है।
कभी नहीं सोचा यह कैसी कीमत हमने चुकाई है।
जंग तो बहुत देखा दुनिया ने इस दौर में,
समझौते की बुनियाद तो जीवन पाया है।
बचा सके ना अपनों को ना जाने कितनी जाने गवाए है।
अपने ख्वाहिश के चक्कर में दुनिया में नफरत की आग फैलाई है।
हथियारों के इस दौर में ये कैसी कीमत चुकाई है
v nice
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