सोमवार, 18 मई 2020

मोहब्बत

फुर्सत के चंद लम्हों में बस तेरा इंतजार करता हूं।
 सब कुछ था मोहब्बत में लेकिन अब भी तेरा इंतजार करता हूं।


हर पल की तसल्ली है मुझको पर दिल अभी तेरा इंतजार करता है।
दरकार है मुझे तेरी मोहब्बत का दिल को तेरी अब भी तलब है।

रिवायत है कि मोहब्बत में दिल दिया करते हैं।
पर क्यों हमें इंतजार करने के लिए छोड़ जाया करते है ।

ये कशिश है, तेरी आंखों का जो मैं तेरा इंतजार करता हूं।
मिल जाए तेरी मोहब्बत शिद्दत से रात में बैठकर महताब का दीदार करता हूं ।

फुर्सत के चंद लम्हों में बस तेरा इंतजार करता हूं।
सब कुछ तो था मोहब्बत में लेकिन अब भी तेरा इंतजार करता हूं।

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