बुधवार, 3 जून 2020

बारिश

यह बारिश की बूंदे मुझसे कहते है।
तन पर गिरती है लेकिन मन में आग लगा देती है।
बरस कर चले जाते हैं पर मन में किसी की याद दिला जाती है।
यह बारिश की बूंदे मुझसे कुछ कहते है।


मन में खुशी की लहर जगाती हैं।
जब गिरती है तन पर हमें किसी की याद दिलाती है।
आसमा से गिरकर हमें भिगती है जाती हैं।
यह बारिश की बूंदे कुछ मुझसे कह जाती है।

मन को करके तृप्त चली जाती हैं ।
हर एक बूंद में  उसकी सूरत  नजर आती है।
आंखों से हो जाती ओझल फिर भी याद दिलाती है।
तन पर गिरती है लेकिन मन में आग लगा देती।
यह बारिश की बूंदे कुछ मुझसे कह जाते हैं।

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